परिभाषा (Definition): Vicarious Liability (प्रतिनिधिक उत्तरदायित्व) एक कानूनी सिद्धांत है जिसके तहत एक व्यक्ति (Master/नियोक्ता) दूसरे व्यक्ति (Servant/कर्मचारी) के कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है, यदि वे कार्य उसके आदेश या रोजगार की सीमाओं के भीतर किए गए हों।


Master and Servant (मालिक और नौकर)

Master (मालिक):

  • मालिक वह व्यक्ति है जो सेवक को कार्य पर रखता है और कार्य के तरीके को नियंत्रित करता है।
  • वह सेवक द्वारा रोजगार की अवधि में किए गए कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है।

Servant (नौकर):

  • सेवक वह व्यक्ति है जो मालिक के लिए कार्य करता है और उसके आदेशों का पालन करता है।
  • सेवक का कार्य मालिक के नियंत्रण और पर्यवेक्षण के अधीन होता है।
  • उदाहरण: किसी कंपनी में काम करने वाला कर्मचारी, ड्राइवर, या फैक्ट्री का कर्मचारी।

Lending a Servant (सेवक का उधार देना)

मूल सिद्धांत (Principle):

जब एक मालिक अपने सेवक को अस्थायी रूप से किसी अन्य व्यक्ति (Borrower) के पास भेजता है, तो यह निर्धारित किया जाता है कि सेवक किसके नियंत्रण में काम कर रहा था।

  • Control Test (नियंत्रण परीक्षण):
    यह देखा जाता है कि सेवक को कौन नियंत्रित कर रहा था। यदि अस्थायी मालिक सेवक के कार्यों को नियंत्रित कर रहा है, तो वह Vicarious Liability के लिए जिम्मेदार होगा।

महत्वपूर्ण मामला:

  • Mersey Docks and Harbour Board v. Coggins & Griffiths (1947):
    • एक क्रेन ड्राइवर को अस्थायी रूप से किराए पर दिया गया था।
    • कोर्ट ने तय किया कि जब तक अस्थायी मालिक सेवक के कार्यों पर पूर्ण नियंत्रण नहीं करता, मूल मालिक उत्तरदायी होगा।

Course of Employment (रोजगार की अवधि)

सिद्धांत:

Vicarious Liability तभी लागू होती है जब सेवक का कार्य रोजगार की अवधि और दायरे के भीतर किया गया हो।

रोजगार के दौरान होने वाले कृत्य (Acts in the Course of Employment):

  1. Carelessness of Servant (सेवक की लापरवाही):
    यदि सेवक की लापरवाही से नुकसान होता है, तो मालिक उत्तरदायी होगा।
  2. Mistake of Servant (सेवक की भूल):
    यदि सेवक ईमानदारी से कार्य करता है लेकिन गलती कर बैठता है, तो मालिक उत्तरदायी होगा।
    • उदाहरण: डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान अनजाने में हुई गलती।
  3. Willful Wrong of Servant (सेवक का जानबूझकर गलत कार्य):
    यदि सेवक जानबूझकर गलत कार्य करता है, लेकिन यह कार्य रोजगार के दायरे में आता है, तो मालिक उत्तरदायी होगा।
    • मामला:Limpus v. London General Omnibus Co. (1862)
      • बस ड्राइवर ने जानबूझकर प्रतिस्पर्धी बस को नुकसान पहुँचाया।
      • मालिक को उत्तरदायी ठहराया गया।

रोजगार के दायरे से बाहर के कार्य (Acts Outside the Course of Employment):

  1. यदि सेवक निजी कार्य कर रहा हो, तो मालिक उत्तरदायी नहीं होगा।
  2. मामला:Beard v. London General Omnibus Co. (1900)
    • एक कंडक्टर ने बस चलाने की कोशिश की, जिससे दुर्घटना हुई।
    • मालिक को उत्तरदायी नहीं ठहराया गया।

Mutual Rights and Obligations (पारस्परिक अधिकार और दायित्व)

मालिक के दायित्व (Duties of the Master):

  1. उचित पर्यवेक्षण (Proper Supervision):
    सेवक के कार्यों की निगरानी करना।
  2. सुरक्षित कार्य वातावरण (Safe Working Environment):
    सेवकों को सुरक्षित उपकरण और स्थान प्रदान करना।
  3. वेतन भुगतान (Payment of Wages):
    सेवक को नियमानुसार वेतन प्रदान करना।

सेवक के दायित्व (Duties of the Servant):

  1. ईमानदारी से कार्य करना (Work with Honesty):
    मालिक के आदेशों का पालन करना।
  2. कार्य की गुणवत्ता बनाए रखना (Maintain Quality of Work):
    अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निभाना।
  3. गोपनीयता (Confidentiality):
    मालिक के व्यापारिक रहस्यों को सुरक्षित रखना।

Independent Contractor और Master-Servant में अंतर (Distinction Between Independent Contractor and Servant)

पैरामीटरServant (नौकर)Independent Contractor (स्वतंत्र ठेकेदार)
परिभाषामालिक के आदेश और नियंत्रण में काम करता है।अपने काम के तरीके और तरीके पर नियंत्रण रखता है।
काम का तरीकामालिक द्वारा निर्देशित।खुद तय करता है।
उत्तरदायित्वमालिक, सेवक के कार्यों के लिए उत्तरदायी है।मालिक, ठेकेदार के कार्यों के लिए उत्तरदायी नहीं है।
उदाहरणबस ड्राइवर, फैक्ट्री कर्मचारी।निर्माण ठेकेदार, वकील।
मामलाLimpus v. London General Omnibus Co.Independent Contractor के केस में कोई Vicarious Liability नहीं।

निष्कर्ष (Conclusion):

Vicarious Liability का सिद्धांत मालिक और सेवक के बीच के संबंध और उनके अधिकारों और कर्तव्यों को नियंत्रित करता है। यह सिद्धांत न केवल न्याय प्रदान करता है बल्कि सेवकों के कार्यों के लिए मालिकों को सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करता है। Master और Servant का यह संबंध कानूनी, सामाजिक और व्यावसायिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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