समाजिक सुरक्षा (Social Security) से जुड़ी विधियाँ उन कानूनी, नीतिगत और संस्थागत उपायों को संदर्भित करती हैं, जिनका उद्देश्य नागरिकों को जीवन के विभिन्न जोखिमों, जैसे बुढ़ापा, बीमारी, बेरोजगारी, और विकलांगता के दौरान आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। ये विधियाँ समाज के विभिन्न वर्गों को वित्तीय मदद, सामाजिक सुरक्षा और राहत सुनिश्चित करती हैं।
समाजिक सुरक्षा से जुड़ी कुछ प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं:
1. कानूनी सुरक्षा उपाय (Legal Security Measures)
समाजिक सुरक्षा के तहत कानूनी सुरक्षा उपायों का उद्देश्य नागरिकों को ऐसे कानूनों और अधिकारों से सुरक्षा प्रदान करना है, जो उन्हें जीवन के विभिन्न संकटों से बचा सके। ये कानून विभिन्न क्षेत्रों में होते हैं:
- रिटायरमेंट और पेंशन योजना: बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा के लिए सरकार और विभिन्न संस्थाएं पेंशन योजनाएं संचालित करती हैं। उदाहरण: राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) आदि।
- स्वास्थ्य सुरक्षा: सरकार और अन्य संस्थाएं नागरिकों को चिकित्सा सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाएं चलाती हैं, जैसे आयुष्मान भारत योजना।
- विकलांगता और दुर्घटना सुरक्षा: विकलांग व्यक्तियों और दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के लिए सरकारी योजनाएं और भत्ते होते हैं, जैसे राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना।
2. कर्मचारी कल्याण (Employee Welfare)
कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कुछ विशेष कानून और योजनाएं बनाई गई हैं:
- कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) अधिनियम: यह योजना कर्मचारी के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए है और इसमें चिकित्सा, चिकित्सा सुविधा, और विकलांगता भत्ते शामिल हैं।
- कर्मचारी भविष्य निधि (EPF): यह एक स्वैच्छिक या अनिवार्य पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं ताकि कर्मचारी को भविष्य में एक निश्चित राशि मिले।
3. स्वास्थ्य सुरक्षा (Health Security)
स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत विभिन्न योजनाओं का उद्देश्य लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं और स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है, ताकि वे बीमारियों और स्वास्थ्य संकटों के दौरान आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।
- आयुष्मान भारत योजना: यह योजना देश के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान करती है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना: यह योजना परिवारों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
4. वृद्धावस्था सुरक्षा (Old Age Security)
वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार कुछ योजनाएं चलाती है, ताकि वृद्ध व्यक्ति बुढ़ापे में आर्थिक संकट से बच सकें:
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना: यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था पेंशन प्रदान करती है।
- राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना: यह योजना गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन प्रदान करती है।
5. सामाजिक सुरक्षा कानून (Social Security Laws)
भारत में समाजिक सुरक्षा से जुड़ी कुछ प्रमुख कानूनों का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षा और सहायता प्रदान करना है:
- मिनिमम वेज एक्ट (Minimum Wages Act): यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को उनके काम के लिए न्यूनतम वेतन मिले।
- श्रमिको के भत्ते और अन्य अधिकार (Employees’ Compensation Act): यह कानून कर्मचारियों को दुर्घटनाओं और मौत के मामले में मुआवजा देने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
6. अल्पकालिक और दीर्घकालिक सहायता (Short-term and Long-term Support)
समाजिक सुरक्षा की योजनाओं में समय-समय पर आर्थिक सहायता भी शामिल है, जो किसी व्यक्ति या परिवार को संकट के समय मदद करती है।
- बेरोजगारी भत्ता (Unemployment Allowance): यह भत्ता बेरोजगार व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
- गरीबों के लिए सहायता (Support for the Poor): सरकार गरीबों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, मुद्रा योजना आदि, ताकि वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें।
समाजिक सुरक्षा की इन विधियों का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रत्येक नागरिक को जीवन के विभिन्न संकटों में सुरक्षा, सहायता, और राहत प्रदान करना है। यह लोगों को आर्थिक असुरक्षा से बचाता है और एक अधिक समान और समावेशी समाज की दिशा में योगदान करता है।