अपराध के चरण (Stages of a Crime) को एक प्रक्रिया के रूप में समझा जा सकता है, जिसमें यह कुछ निश्चित चरणों से गुजरता है। किसी भी अपराध को पूर्ण माना जाने से पहले उसके कुछ मुख्य चरण होते हैं। ये चरण अपराध करने के इरादे से शुरू होकर उसके प्रयास और अंततः उसके पूरा होने तक पहुंचते हैं।
1. दोषपूर्ण नीयत – केवल नीयत दंडनीय नहीं (Guilty Intention – Mere Intention Not Punishable)
- परिभाषा:
दोषपूर्ण नीयत का मतलब है कि व्यक्ति के मन में अपराध करने का इरादा हो। लेकिन केवल इरादा रखना अपराध नहीं माना जाता, जब तक कि यह इरादा किसी कार्य में परिवर्तित न हो। - कानूनी स्थिति:
- केवल अपराध के बारे में सोचना या उसकी योजना बनाना दंडनीय नहीं होता।
- कानून केवल उन्हीं कृत्यों को दंडित करता है, जो समाज को वास्तविक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।
- उदाहरण:
- यदि कोई व्यक्ति किसी को मारने की सोचता है, लेकिन इस सोच को कार्य में परिवर्तित नहीं करता, तो उसे दंडित नहीं किया जा सकता।
2. तैयारी (Preparation)
- परिभाषा:
अपराध करने के लिए कोई योजना बनाना या आवश्यक साधन जुटाना “तैयारी” कहलाता है। यह अपराध के इरादे को अमल में लाने का दूसरा चरण है। - महत्व:
- तैयारी दंडनीय नहीं होती जब तक कि यह किसी विशिष्ट अपराध से स्पष्ट रूप से जुड़ी न हो।
- कुछ विशिष्ट अपराधों (जैसे युद्ध छेड़ने की तैयारी) में तैयारी को भी दंडनीय माना गया है।
- उदाहरण:
- किसी को मारने के लिए हथियार खरीदना।
- चोरी के लिए मास्टर चाबी बनाना।
- दंडनीयता का अपवाद:
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कुछ विशेष मामलों में, केवल तैयारी भी दंडनीय होती है, जैसे:- युद्ध छेड़ने की तैयारी (धारा 122)।
- नकली मुद्रा छापने की तैयारी।
3. प्रयास (Attempt)
- परिभाषा:
अपराध को पूरा करने के लिए कोई वास्तविक कार्य करना, लेकिन उसे पूरी तरह अंजाम न दे पाना “प्रयास” कहलाता है। प्रयास अपराध का तीसरा और अंतिम चरण होता है, जब तक कि वह अपराध पूर्ण न हो जाए। - महत्व:
- प्रयास को दंडनीय माना जाता है क्योंकि यह अपराध को अंजाम देने का वास्तविक संकेत देता है।
- कानून के अनुसार, प्रयास और पूर्ण अपराध के बीच बहुत कम अंतर होता है।
- उदाहरण:
- किसी को मारने के लिए गोली चलाना, लेकिन गोली चूक जाना।
- चोरी करने के लिए घर में प्रवेश करना लेकिन पकड़े जाना।
- भारतीय दंड संहिता (IPC):
- धारा 511: किसी भी अपराध के प्रयास के लिए दंड का प्रावधान करती है।
- दंड: प्रयास करने पर दंड, पूर्ण अपराध के लिए निर्धारित दंड का आधा होता है।
अपराध का पूर्ण होना (Completion of Crime)
- अपराध का चौथा चरण:
जब अपराध पूरी तरह से अंजाम दिया जाता है, तो इसे पूर्ण अपराध माना जाता है। - उदाहरण:
- हत्या के प्रयास के बाद वास्तव में हत्या कर देना।
- चोरी के लिए घर में घुसने के बाद सामान चुरा लेना।
निष्कर्ष:
अपराध के चरण इस बात को स्पष्ट करते हैं कि कानून का उद्देश्य अपराध को रोकना है, न कि केवल उसे दंडित करना।
- दोषपूर्ण नीयत और तैयारी को केवल कुछ विशिष्ट मामलों में दंडनीय माना जाता है।
- प्रयास को अपराध के समान ही गंभीरता से लिया जाता है क्योंकि यह अपराध को पूरा करने की दिशा में एक वास्तविक कदम है।
- पूर्ण अपराध दंडनीयता का अंतिम स्तर है, और इसे गंभीरता से लिया जाता है।