1. अपराध का कर्ता – प्राकृतिक और विधिक व्यक्ति (Author of Crime – Natural and Legal Person)
- प्राकृतिक व्यक्ति (Natural Person):
अपराध का कर्ता एक प्राकृतिक व्यक्ति हो सकता है, जैसे कोई पुरुष, महिला या अन्य व्यक्ति। यह वह व्यक्ति होता है जो शारीरिक रूप से अपराध करता है।
उदाहरण: किसी व्यक्ति द्वारा चोरी करना, हत्या करना। - विधिक व्यक्ति (Legal Person):
कभी-कभी अपराध का कर्ता कोई विधिक व्यक्ति (जैसे कंपनी, संगठन या संस्था) भी हो सकता है। यदि कंपनी के किसी निर्णय या लापरवाही से कानून का उल्लंघन होता है, तो कंपनी या उसके प्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
उदाहरण: किसी कंपनी द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना या कर चोरी करना।
2. मेन्स रिया – बुरी नीयत (Mens Rea – Evil Intention)
- परिभाषा:
मेन्स रिया का अर्थ है “दोषपूर्ण मानसिक स्थिति” या अपराध करने का बुरा इरादा। - महत्व:
अपराध को अपराध तभी माना जाता है जब अपराधी के मन में अपराध करने का इरादा हो।
उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाने के इरादे से हमला करता है, तो यह अपराध होगा। लेकिन यदि वही कार्य गलती से हुआ, तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा। - बिना मेन्स रिया:
कुछ मामलों में, जहां कानून स्पष्ट रूप से मेन्स रिया को अनिवार्य नहीं मानता, वहां दोषपूर्ण मानसिक स्थिति के बिना भी दायित्व बनता है।
उदाहरण: यातायात नियमों का उल्लंघन।
3. मेन्स रिया का महत्व (Importance of Mens Rea)
- क्यों जरूरी है?
मेन्स रिया यह साबित करने में मदद करता है कि व्यक्ति ने जानबूझकर अपराध किया और यह गलती या दुर्घटना नहीं थी। - अदालती निर्णय:
अदालतें यह देखती हैं कि अपराधी ने कार्य किस उद्देश्य से किया। यदि बुरी नीयत नहीं है, तो व्यक्ति को दोषमुक्त किया जा सकता है।
उदाहरण: यदि किसी डॉक्टर ने ऑपरेशन करते समय गलती से किसी की जान ले ली, तो इसे हत्या नहीं माना जाएगा क्योंकि बुरी नीयत नहीं थी।
4. दोषपूर्ण नीयत के उद्देश्य से किया गया कार्य (Act in Furtherance of Guilty Intent)
- परिभाषा:
अपराधी के मन में दोषपूर्ण इरादा होने के साथ-साथ उस इरादे को पूरा करने के लिए किया गया कार्य भी अपराध का हिस्सा है। - महत्व:
केवल सोचने या योजना बनाने से अपराध नहीं बनता; अपराध को साबित करने के लिए दोषपूर्ण इरादे के साथ किसी कार्य का होना आवश्यक है।
उदाहरण:- किसी को मारने का इरादा रखने वाला व्यक्ति जब हथियार खरीदता है, तो यह “दोषपूर्ण कार्य” का संकेत है।
- यदि वह हमला करता है, तो यह अपराध का पूरा होना कहलाता है।
5. लोप (Omission)
- परिभाषा:
किसी ऐसे कार्य को न करना, जिसे कानून या कर्तव्य के तहत करना अनिवार्य हो, लोप (Omission) कहलाता है। - उदाहरण:
- माता-पिता का अपने बच्चों को भोजन न देना।
- किसी व्यक्ति को डूबते हुए देखना और बचाव न करना, जबकि आप ऐसा कर सकते थे।
- दायित्व:
लोप भी अपराध हो सकता है, जब व्यक्ति पर उस कार्य को करने का कानूनी दायित्व हो।
6. दूसरे को चोट पहुंचाना (Injury to Another)
- परिभाषा:
किसी अन्य व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक या आर्थिक नुकसान पहुंचाना अपराध का महत्वपूर्ण तत्व है। - प्रकार:
- शारीरिक चोट: किसी को मारपीट कर घायल करना।
- मानसिक चोट: धमकी देकर डराना या मानसिक तनाव देना।
- आर्थिक नुकसान: चोरी, धोखाधड़ी, या संपत्ति का नुकसान।
- उदाहरण:
- किसी को जानबूझकर गाड़ी से टक्कर मारना।
- किसी के पैसे धोखाधड़ी से छीनना।
निष्कर्ष:
अपराध को साबित करने के लिए ऊपर बताए गए सभी तत्वों का होना आवश्यक है। मेन्स रिया (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति) और एक्टस रियस (दोषपूर्ण कार्य) अपराध के सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। इनके बिना अपराध का सिद्ध होना मुश्किल है।https://advocatesandhyarathore.com/2025/01/09/general-principle-of-crime-and-specific-offences/